काम्बोज जाति के गोत्र


काम्बोज जाति के गोत्र

कम्बोज समुदाय गोत्र / कुलों (सूद-जातियों) को दो व्यापक गोत्र में विभाजित किया गया है: 52 (बावन) गोत्र और 84 (चौरासी) गोत्र | इस प्रकार वास्तविक व्यवहार में कुल 136 गोत्र की संख्या है।

आधुनिक काम्बोज को 52 और 84 गोत्र को नाम द्वारा दो भागो में विभाजित किया जाता है | ( वास्तविक संख्या हालाँकि इन आंकड़ो की तुलना में कहीं ज्यादा है ) | डॉ जिया लाल काम्बोज ने देखा की काम्बोज गोत्र के 15 से अधिक गोत्र ब्राह्मणों के साथ व्याप्त है, और 80 से अधिक व्याप्त उत्तरी भारत के अन्य क्षत्रिय और राजपूत कुलो के साथ है | लेकिन सरदार कृपाल सिंह दर्दी के अनुसार सम्बंधित आंकड़े 25 गोत्र ब्राह्मणों के साथ एवं 100 से अधिक क्षत्रिय और राजपूतो के साथ व्याप्त है | अपनी प्रसिद्द पुस्तक पंजाब ओर उत्तर पश्चिम सीमांत की जातियाँ में ब्रिटिश नृवंश विज्ञानी और धर्म शास्त्री एच० ए० रोज (H. A. Rose) ने 20 वीं शताब्दी के शुरुवाती दिनों में यह देखा था की यहाँ के ब्राह्मणों और अन्य क्षत्रिय लोगो के साथ काम्बोज गोत्र उपनाम अतिव्याप्त मिलता है | रोज ने ये भी स्वीकार किया की इस अतिव्याप्तता का कारण उनके लिए स्पष्ट नहीं था |

बावन (52) गोत्र:

  1. अब्दाल
  2. अजपल या अजपाल
  3. अंगीयारे
  4. बजये या बजने या बागे
  5. बान
  6. भौन या भवन या बवन या बौन
  7. बरार
  8. बत्ती या भट्टी
  9. चक
  10. चंडी
  11. चंदना या चन्दने या चंद
  12. चतरथ
  13. धन्जू
  14. ढोत या धोत या धूड़ी या दोते
  15. हांडा या हांडे
  16. जैया या जई या जोइये
  17. जम्मू
  18. जसपाल या जखपाल
  19. जटमल
  20. जोसन या जोस्सन
  21. जौरा या जौरे
  22. जज
  23. कोसले या कौसले
  24. कर्णपाल
  25. कौरा या कौरे
  26. कायर या कैर या खेरे
  27. खिंदा या खिंदे
  28. मेहरोक या मिरोक
  29. मोमी
  30. मुत्ती या मोती
  31. नाधा या नंधा या नन्धे
  32. नागपाल
  33. नगरी या नागरा या नगरे
  34. नंदन
  35. पधू या पंधू
  36. पतनरॉय या पतनराय
  37. रतनपाल
  38. समा या सामा या सामे
  39. सन्धा या संधे
  40. संधेर या संधेयर या संधीर
  41. सावन या सोइ या सोही या सोई
  42. शाही
  43. सुनेर
  44. तन्दने
  45. तरीखा या तरीखे
  46. थिंड या थिंद
  47. तुमे
  48. तुरने या तुरना
  49. विनायक या पठान या बिनायक या नायक
  50. भोजरथ
  51. मल्ल या मलि या मलिये या महले या महलि
  52. झन्ड या झन्डि या झंड या झंडू

चौरासी (84) गोत्र:

  1. अग्लावे
  2. अम्बरी या अम्बरे
  3. अन्गोतरे
  4. बागवान या बग्यान या बागबान
  5. बाहिया
  6. बंग्वाए
  7. बांगर या बंगरे
  8. बन्जहल या भुन्जल
  9. बनूर
  10. बरहम
  11. भारगोतेय
  12. बस्सी या बसी
  13. बस्तोर
  14. बिरहा या बेराह
  15. भुजंग
  16. ब्राह्मण या बेह्मन
  17. चमारी या चिमरे
  18. चौपाल या चौफाल
  19. चेरता या चुरता या चुरावत
  20. छनन या छियानवे
  21. छिचोटी या छिचोटे या छिछाते या छाछा
  22. चिचारे या चाचरे
  23. चिमने या चिमनी या चिमना
  24. छीने या छिनी या छिना
  25. चुरिये या छिरवे या छिदे या चरवे
  26. डांगे
  27. दत्ताने या दोत्ताने या दत्ताना
  28. देहर या देहल
  29. देह्गल या दुग्गल
  30. धारे
  31. ढील या ढिल्लन
  32. धेहते
  33. डोडे
  34. डोलियान
  35. फुकनी
  36. गदरे या गदरा
  37. गगरा या गागरा
  38. गंडे या गंडी
  39. गंधेयोर या गांधारे या गांधी
  40. गौरे या गोरे या राय गोर या गोरी
  41. गीलावे
  42. घसीटे
  43. गोगन या गुआन
  44. गोसिले
  45. गल या गईले या गोयले
  46. घंगरा
  47. हरसे
  48. जेडे या जरहे
  49. जगमन
  50. जंडे
  51. जंगले या जंगली
  52. झाम्ब या झाम
  53. कलरे या कालरा या कलर
  54. कैलसिया या कलसी या कलस
  55. कमरी या कमारी या खमारे
  56. खोखर
  57. कोकर या ककर या ककरा
  58. कुकरी या कुकर
  59. लाहेरे या लेहरी
  60. लखी
  61. लह्न्दे
  62. लत्ते
  63. लहँगे या लहिन्गा या लहिंदे
  64. लाल
  65. मच्लिये या मछली
  66. मगू या मगे
  67. मकोड़े या मक्कड़
  68. माल
  69. मोमसरंग
  70. सरंग
  71. मंडे या माडे
  72. मल्ले या मलिए
  73. मुल्तानी
  74. नागाम्बर या निगम्बर
  75. नेहरिये या नेहरू या नौहरिये
  76. नेपाल या निपल या नैपल
  77. नूरी
  78. पांडे या पंधे
  79. पधासी
  80. सैनिक
  81. संदल
  82. साथंद
  83. सेनपति या सेनापति
  84. सपरे या सपरा या सवरे
  85. सरनोते या सरकुदे
  86. सत्ते
  87. सौउकी या शोकी
  88. सोनी
  89. सुहागी या सुहागे
  90. सुनेहेरे
  91. सिल्हारे / सुलाहरे / सुलेहेरे या सुलहिरो
  92. टांडे
  93. तगल या तुगल
  94. तपरहिये
  95. थाथई या थथैया या थाथे
  96. थिन्गरे या ठेन्गरे
  97. तोपची

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Deepak Kamboj

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Deepak Kamboj started and conceptualized the powerful interactive platform - KambojSociety.com in September 2002, which today is the biggest and most popular online community portal for Kambojas in the world. He was inspired by the social and community work carried out by his father Shri Nanak Chand Kamboj. He has done research on the history, social aspects, political growth and economical situation of the Kamboj community. Deepak Kamboj is an author of various articles about the history of Kamboj community and people.